बिल्ली रानी बड़ी सयानी भाग जाती दूध पीकर सारी चटपट करती रहती हरदम शरारत में नहीं कभी कम चट कर जाती मांस झटपट और भाग जाती फटाफट। बिल्ली कहलाती सबकी मौसी खा - पी जाती दूध रोटी होती जा रही है मोटी पढ़ना - लिखना साढ़े बाईस दिनभर खेलती आइस - पाइस। छुप - छुप कर है हँसती कभी नहीं जाल में फँसती म्याऊँ -म्याऊँ गाती है पर नाचती छमक - छमक कर इसलिए लगती है प्यारी लेकिन चूहें से नहीं कोई यारी। धन्यवाद काजल साह :स्वरचित