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30/01/2024 Kajal sah Romance Views 532 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता :सुनहरी रात बस तेरे साथ

आज उनसे मुलाक़ात ना जाने होठों पर क्यों मुस्कान है उनसे जुड़ा हर पल बेहद खास है मेरे मन के उत्साह का आगाज है आज उनसे मिलन की सुनहरी रात है। सोलह श्रींगार से सजी हूँ माथे पर बिंदिया होठों पर लाली लगाकर प्रेमी के इंतज़ार में खड़ी हूँ चाँद की चमक में मैं अपने अपराजेय के लिए पधारी हूँ इस खूबसूरत निशा में। खिले फूलों के बीच नीले आसमान के नीचे सनम का बेसब्री से इंतजार है आज उनसे मुलाक़ात है इसलिए होठों पर मुस्कान है। मेरा हमदम आ गया अपने स्नेह से, पलकों पर बैठाकर पूरी जगत की सैर मुझे करवा दिया अब प्रेम की सुधा बरसने लगी मन में महके -बहके मन की हर कलियां खिला गई ऐ मेरे प्रेमी, तुम ही मेरे उजास हो तुम जीवन की आस हो तुम ही जीवन का हर उल्लास हो। धन्यवाद काजल साह

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