दुनिया में तीन प्रकार के लोग होते है। पहले वे जो कहते है कि मैं कर सकता हूं/ सकती हूं। दूसरे वे जो कहते है कि मैं नहीं कर सकता हूं / सकती हूं। तीसरे वे जो कहते है.. मुझे करने की इच्छा ही नहीं है। पहले एवं दूसरे वाले इंसान आगे बढ़ सकते है.. अगर वे अपने इच्छाशक्ति एवं कड़ी से कड़ी मेहनत करे तो। लेकिन जिस व्यक्ति को सीखने की एवं आगे बढ़ने की प्रबल इच्छा ही नहीं है। वे व्यक्ति कभी भी आगे नहीं बढ़ पाते।
स्वामी विवेकानंद जी नें कहा था - दुनिया एक व्यायामशाला है..जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते है। कोई भी इंसान जन्म से ही बुद्धिमान नहीं होता है.. अपितु सीखने की ललकता, परिश्रम एवं अभ्यास इत्यादि सशक्त अस्त्र को धार करके अपने बुद्धि एवं कौशल का विकास करता है।
बुद्धिमानी जीवन में सफलता एवं ख़ुशी प्राप्त करने की कुंजी। बुद्धिमान इंसान कठिन परिस्थितियों में धैर्य एवं शांति से निर्णय लेता है। बुद्धिमत्ता कोई जन्मजात गुण नहीं है। कुछ बच्चें जन्म से बुद्धिमान होते है.. अपवाद के रूप में। हर एक इंसान बुद्धिमान बन सकता है। हर एक इंसान अपने बुद्धिमत्ता से हर स्वप्न को पूर्ण कर सकता है। हर एक इंसान अपने बुद्धिमत्ता का उपयोग करके हर परेशानियों को मात दे सकता है।
आज इस निबंध के माध्यम यह जानने का प्रयास करेंगे.. कि कोई इंसान बुद्धिमान कैसे बन सकता है। जो व्यक्ति नियमित एवं अभ्यास के साथ अपने ज्ञान, कौशल एवं मानसिक शक्ति को विकसित करने में लीन रहेगा.. वह व्यक्ति एक साधारण से बुध्दिमान इंसान बन सकता है।
महत्वपूर्ण टिप्स बुद्धिमान बनने के लिए :
1. कुरियसिटी :दुनिया में आज हर छोटे से बड़े वस्तु के निर्माण के पीछे मनुष्य में जागृति जिज्ञासा का श्रेष्ठ स्थान है।जितना कीजियेगा प्रश्न उतना ही निखार होगा। दुनिया में जितने भी बुद्धिमान एवं महान इंसान हुए है.. जैसे : Albert Einstein, Swami Vivekananda ji इत्यादि। उन सभी का सबसे श्रेष्ठत्म गुण हर विषय के प्रति जिज्ञासा। जितना आप प्रश्न जिज्ञासु बनेंगे.. आप नए - नए विषय के बारे में जानेंगे। सोचने की शक्ति, क्रिटिकल थिंकिंग इत्यादि में वृद्धि होगा।
किसी ने क्या खूब कहा है - विद्यार्थी का सबसे अनमोल गुण प्रश्न पूछना है। हमें हमेशा स्वयं को विद्यार्थी की तरह समझना चाहिए।
* नए - नए स्थान : अपने बुद्धि, कौशल एवं संचार को विकसित करने का अद्भुत तरीका है - यात्रा करे। नए - नए स्थान पर जाने से नए - नए लोगों से मुकालत, नयी - नयी संस्कृति एवं सभ्यता देखने का सुअवसर प्राप्त होता है। यह एक यात्रा से ज्यादा अंवेषण है। इसलिए जब भी समय मिले तब अकेले ही यात्रा के लिए रवाना हो जाए।
2. गहन : किसी भी विषय को गहराई से पढ़ना एक उत्तम कला है। यह कोई जन्मजात कला नहीं है। जब माता - पिता एवं गुरु बच्चों को अच्छे से पढ़ाये.. गहराई से पढ़ाये। तब वह बच्चा भी विषय को गहराई से पढता है।
जब आप किसी विषय को गहराई से सीखते है.. तब आपका आत्मविश्वास एवं आत्मज्ञान में विकास होता है। आप अच्छे से दूसरों को भी समझा पाते है। जिससे आपका बुद्धि एवं एक्सप्लेन करने की शक्ति में विकास होता है। अगर आप कोई जॉब या आप बिज़नेस करते है.. कार्य करने के बाद अपने खाली समय में पढ़ने की आदत को विकसित करे। जितना आप पढ़ेंगे.. आपका शब्दकोष,ज्ञान, कौशल में वृद्धि होगा। आप अपने विचार को बुद्धिमत्ता के साथ प्रकट कर पाएंगे।
पढ़े हुए विषय को अपने जीवन में भी अपनाये।
3. एक्स्ट्रा : स्वामी विवेकानंद जी कहते थे - पढ़ायी के साथ युवाओं को खेलना भी चाहिए। मन एवं तन को विकसित करने के लिए अन्य गतिविधियों में भाग जरूर लेना चाहिए। जैसे - कला, संगीत, लेखन इत्यादि। अन्य गतिविधियों में भाग लेने से पढ़े हुए विषय को अच्छे से याद एवं नए विषय को भी रोचकता से सीखा जा सकता है। मनोमंजक के साथ अपने मनोरंजन भी करना जरुरी है। लेकिन बड़ी दुख की बात है कि अधिकांश युवा अपना अत्यधिक समय रील्स देखने में व्यतीत कर दे रहे है। यह मनोरंजन उनके लिए घातक है। आज वर्तमान में युवा ऑनलाइन दोस्त, ऑनलाइन एप्लीकेशन इत्यादि में अपना बहुमूल्य समय बर्बाद करते है। अपनी बौद्धिक, मन की शक्ति को वे स्वयं से ही नष्ट कर रहे है । इसलिए यह जरुरी है कि ऑनलाइन की दुनिया से निकल कर अपना समय अपने हुनर, कला, खेल एवं शिक्षा में व्यतीत करे। इनसे उनका बौद्धिक, मानसिक एवं शारीरिक शक्ति का विकास होगा।
4. निरंतर : सीखना जीवन पर्यन्त क्रिया है। निरंतर सीखने से मन मजबूत होता है। बुद्धि को विकसित करने का सबसे मजबूत उपाय है कि निरंतर सीखते रहे। अपने खाली समय का उपयोग कौशल, ज्ञान, नए - नए अनुभव हासिल में व्यय करे। जितना आप सीखेंगे.. आप उतना ही मजबूत बनते है।
आज हम सभी के पास सीखने लिए सबसे बड़ा एवं नि:शुल्क इंटरनेट है, जिसके माध्यम से विभिन्न स्किल्स, कला, शिक्षा इत्यादि सरलता से सीखा जा सकता है।
5. जीवनशैली : स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन निवास करता है। जब तक आप शारीरिक रूप से मजबूत एवं मानसिक रूप से सीखने के लिए इच्छुक नहीं रहेंगे.तब तक आप सीख नहीं पाएंगे। अपने जीवन में महत्वपूर्ण आदतें अपनाये। जैसे - सही भोजन का सेवन, प्रतिदिन व्यायाम, उचित आहार ले।जैसा खाएंगे अन्न वैसा होगा मन। अपने बुद्धि को तेज़ करने के लिए सबसे पहले आपको अपने लाइफस्टाइल को सौंदर्यता से पूर्ण करना होगा।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है, जिसके माध्यम से आप भी बुद्धिमान इंसान बन सकते है। लेकिन सबसे पहले आपको स्वयं पर विश्वास होना चाहिए कि मैं कर सकता हूं / सकती हूं। नकारात्मक मन आपको आगे बढ़ने से रोक सकता है। लेकिन आपको अपने मन से लड़ना है।अपने मन का गुलाम नहीं बनना है। स्वयं पर विश्वास कीजिये, कड़ी मेहनत कीजिये एवं अपने लक्ष्य को सदैव याद रखे।
धन्यवाद
काजल साह
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