सुंदर, स्पष्ट एवं सार्थक लिखना एक कला है। इस कला को सीखा नियमित अध्ययन के माध्यम से सीखा जा सकता है। आज इस निबंध के माध्यम से मैं आपको यह बताने वाली हूं कि आप एक अच्छे लेखक / लेखिका कैसे बन सकते है? अगर आप भी अपने शब्दों को कविता, कहानी, निबंध इत्यादि का रूप देना चाहते है? तब आप कैसे कर सकते है? कैसे आप अपना करियर राइटिंग के क्षेत्र में शुरु कर सकते है?
निम्नलिखित महत्वपूर्ण टिप्स :
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1. पढ़े: दो या दो से अधिक अक्षरों से शब्द का निर्माण होता है। दो या दो अधिक शब्द का निर्माण होता है। अपने विचारों को कविता, निबंध, कहानी इत्यादि के रूप में देने के लिए सबसे पहले आपको अच्छे से पढ़ना होगा। कविता, कहानी इत्यादि साहित्य रचनाएँ लिखने के लिए आपके पास शब्दों का ज्ञान, भाषा ज्ञान इत्यादि होना आवश्यक है। इन सभी की प्राप्ति आप तब ही कर पाएंगे.. जब आप अच्छे से पढ़ेंगे। आप अपने बातों कों सरलता एवं सुगमता से प्रस्तुत कर पाएंगे और दूसरों के समक्ष रख पाएंगे।
2. ऑब्जरवेशन : उसके बाद आपको खुद का आत्म - विश्लेषण करना होगा। आपको यह देखने की आवश्यकता है कि आपको किस - किस फील्ड में रूचि है? जैसे : कविता, कहानी, निबंध इत्यादि। जिस फील्ड एवं विषय में रूचि है, उसी से संबंधित लिखने का प्रयास करे। नियमित अभ्यास करे.. बार - बार अभ्यास करे। मैं आपको खुद का अनुभव बताती हूं.. मेरी एक मित्र है।जब भी वह कविता लिखती है.. तब 2-3 लाइन्स लिखने में अत्यधिक समय लग जाता है। उसका कहना है कि लेखन अर्थात जब भी आप कविता, कहानी इत्यादि लिख रहे है.. तब आप अपना स्टाइल शामिल करे। दूसरो से सीखना उचित है। लेकिन दूसरो का कॉपी पेस्ट करना गलत है।
हर किसी का अपना अलग - अलग राइटिंग स्टाइल होता है। क्या आप फॉर्मल या इन्फॉर्मल लिखना पसंद है? आपको शार्ट या लॉन्ग तरीके से अपने विचारों को प्रस्तुत करना पसंद है?आपको जिस केटेरगरी में रूचि है.. उसी से संबंधित नियमित लिखने का अभ्यास करे।
मनोज जी ने कहा था : रात को सोने से पहले रोज 10-20 पन्ने जरूर पढ़े। अगर आप बिना पढ़े सोते है... तब आप अपने मन को अंधकार अर्थात अज्ञान से भर देते है।
3. रिवाइज और एडिट :पिछले दिन की ही बात है। ध्रुव राठी भईया.. बहुत सारे लोग उनके महत्वपूर्ण कंटेंट के लिए बेहद पसंद करते है। मैं भी उनको पसंद करती हूं। उन्होंने अपने सक्सेस के जर्नी को साझा करते हुए कहा - मेरे पहले और अभी के वीडियो में जो भी नकारात्मक कमेंटस आते थे... जैसे मेरे वीडियो से रिलेटेड। मैं अपने गलतियों को ऑब्जर करता। और निरंतर प्रयास करता कि अगली बार वह गलतियाँ ना हो।अधिकांश लोग जब आगे बढ़ने लगते है.. तब वे अहं अर्थात स्वयं में गलतियां नहीं देखते है। सोचते है कि जो मैंने लिखा है.. वह एकदम सही एवं उत्तम है। केवल लेखन के क्षेत्र में ही नहीं.. विभिन्न फील्ड में देखा जा सकता है। जीवन में कोई भी पूर्ण नहीं है। जितना आप पढ़ेंगे.. जितना आप सीखेंगे.. आप उतना बेहतरीन बनते है। आप ऐसे लेखकों -कवियों के ग्रुप, कम्युनिटी में जुड़े.. जहाँ आपको सीखने का अवसर मिले। अपने रचना उनको भेजे। उनसे फीडबैक ले।
आलोचना से ना डरे। कबीर जी ने भी कहा है -निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
रचना को लिखने के बाद कई बार पढ़े, लोगों से फीडबैक ले और पुन: सुधार करने का प्रयत्न करे।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है। आशा करती हूं कि यह आपके लिए लाभदायक होगा। शुरु- शुरु में कई बार गलतियाँ होगी। लेकिन आपको हार नहीं मानना है। नियमित पढ़ना है, नियमित अभ्यास करना और नियमित रूप से खुद को बेहतरीन बनाना है।
धन्यवाद
काजल साह
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