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24/10/2024 Kajal sah Education Views 510 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
टीचिंग फील्ड

टीचिंग फील्ड एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। किसी विषय को अन्य व्यक्ति को गहराई, सरलता और सरसता से समझाना एक महत्वपूर्ण कला है। यह जरुरी नहीं है कि आप टीचर है, तभी आप टीचिंग फील्ड में सुधार कीजियेगा।बल्कि जॉब से लेकर व्यापार में प्रेजेंटेशन के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को समझाने के लिए एक सशक्त टीचिंग स्किल होना अतिआवश्यक है। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ टीचिंग स्किल को कैसे सशक्त कर सकते हैं? बच्चों को पढ़ाने के लिए क्या - क्या प्रभावी तरिके का उपयोग आप कर सकते हैं? इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को मैं आज आप सभी के साथ साझा करूंगी। 1. आत्मविश्वास एवं ज्ञान : टीचिंग एक महत्वपूर्ण स्किल है। यह कोई जन्मजात गुण नहीं है। इस कौशल को हम अनवरत अभ्यास और प्रयास से सीखते है। शिक्षण के क्षेत्र में आत्मविश्वास की बेहद ही अनिवार्य भूमिका है। अगर आप नए - नए टीचिंग फील्ड में है, तब आपको अपने बातों को स्टूडेंटस के समक्ष आत्मविश्वास से रखें। आत्मविश्वास एक अनमोल धरोहर है।आत्मविश्वास और ज्ञान एक - दूसरे के पूरक है। आप जिस विषय को पढ़ाते हैं , उस विषय के बारे में जब मजबूत जानकारी होंगी, तब आप आत्मविश्वास के साथ समझा पाएंगे। जब हम किसी विद्यार्थियों को पढ़ाते है, तब उनका भविष्य हमारे हाथ में है। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि आप जिस भी विषय को पढ़ा रहे हैं या पढ़ाएंगे.. उस विषय पर मजबूत जानकारी प्राप्त कर ले। तभी आप आत्मविश्वास एवं सरलता से अन्य लोगों को भी समझा पाएंगे। 2. सरलता एवं रूचि : किताबों में लिखी बातों को एक शिक्षक के पास सरल, सरस एवं सुंदर तरिके से समझाने की कला होती है। टीचिंग स्किल में सबसे महत्वपूर्ण गुणों में एक गुण यह भी है कि आप जिस विषय को भी पढ़ा रहे हैं, उस विषय को अत्यंत सरलता, गहराई एवं रोचकता से पढ़ाये।जिससे विद्यार्थी भी विषय को रोचकता तरिके से समझ पाए। अब प्रश्न है कि आप कैसे र विद्यार्थियों में रूचि उत्पन्न कर सकते हैं? कैसे विषय को सरलता से समझा सकते हैं? # जानकारी : शिक्षण के क्षेत्र में विद्यार्थियों के बारे में जानकारी हासिल करना एक अनिवार्य पहलू है। आप अपने स्टूडेंट्स को ध्यान से समझे। जिस विद्यार्थी के मन में पढ़ाई को लेकर भय है, उसके भय को दूर करने का प्रयास करें। स्टूडेंट्स के मन की स्थिति एवं उसकी रूचि को समझने का प्रयास करें। उनकी रूचि को सम्मलित करके विद्यार्थियों को अत्यंत सरलता से पढ़ाये। # खेल एवं स्टोरी टेलिंग : अगर आप छोटे क्लासेस के बच्चों को पढ़ाते हैं या पढ़ाना चाहते हैं? तब छोटों बच्चों में रूचि लाने के लिए विभिन्न प्रकार के रुचिपूर्ण खेल की गतिविधियों को शामिल करे। अंग्रेजी के वर्ण अक्षर से लेकर हिंदी के गिनती तक को रुचिपूर्ण खेल से समझाये। यूट्यूब पर विभिन्न प्रकार के वीडियोस मौजूद है, जिसे देखकर आप सीख सकते हैं और छोटे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि लाने के लिए विभिन्न प्रकार खेल की गतिविधियों का उपयोग कर सकते हैं। # स्टोरी : बड़े बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि उत्पन्न करने के लिए आप स्टोरी के माध्यम से समझा सकते हैं। स्टोरी टेलिंग एक महत्वपूर्ण क्रिया है, जिससे आप विषय को कहानियों एवं उदाहरण के माध्यम से समझा सकते हैं।कहानी भी रूचि, आनंदित एवं मजेदार ढंग से समझाने का प्रयास करें। जिससे विद्यार्थियों का ध्यान पढ़ाई में बना रहा। 2. व्यक्तिगत : जिस प्रकार हाथों की फिंगर्स एक समान नहीं है। ठीक उसी प्रकार हर विद्यार्थी एक समान नहीं होता है। शिक्षण का मुख्य उद्देश्य केवल धन अर्जित करना नहीं है। अपितु एक सशक्त, सभ्य एवं सुंदर समाज के निर्माण के लिए सशक्त एवं मजबूत युवाओं का निर्माण करना है। कोशिश करें कि हर बच्चे को व्यक्तिगत ध्यान दें। कमजोर बच्चों को पहचाने और उनपर विशेष रूप से ध्यान दें। उनकी कमजोरियों को दूर करने का पूरा प्रयास करें। तेज़ बच्चों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने विद्यार्थियों की समस्याओं को एक मित्र की तरह,माता - पिता की तरह समझे और उनकी समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास करें। उनकी ताकतों को पहचाने और उन्हें बढ़ावा दें। उनकी कमजोरियों को पहचानें और उन्हें सुधारने में मदद करें। 3. माहौल : विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में टीचर्स की बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका है। आज के विद्यार्थी ही कल के आदर्श नागरिक, कल के नेता बन सकते हैं, जब उन्हें टीचर्स मानसिक, अध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाएंगे। इसलिए माता -पिता एवं गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है। एक टीचर होने के नाते आपका पूरा प्रयास होना चाहिए कि स्टूडेंट्स को समग्र रूप से सशक्त बनाये। बच्चों को एक ऐसा माहौल प्रदान करें, जिससे बच्चे बिना डरे सवाल पूछ पाएं। जिज्ञासा एक महत्वपूर्ण गुण एक अच्छे विद्यार्थी का। स्टूडेंट्स के प्रश्न का स्वागत करें और उन्हें प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। स्टूडेंट्स की हर छोटी से बड़ी जीत के लिए प्रोत्साहित करें।यह एक सशक्त एवं मजबूत माध्यम है, जिससे विद्यार्थियों का हौसला बढ़ता हैं। 4. विभिन्न : टीचिंग में केवल एक ही विधि का उपयोग ना करें। टीचिंग फील्ड को अत्यधिक रोचक बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का उपयोग करें। डिजिटलकरण के युग में टीचिंग फील्ड को भी मजेदार बनाने का प्रयास करें।किसी विषय को इमेज एवं वीडियोस प्रेजेंट करके बताये। प्रोजेक्टर का उपयोग करें, विभिन्न ai tools के बारे में नॉलेज प्रदान करें। इन सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थी अच्छे से समझ पाएंगे। 5. समूह : टीचिंग फील्ड में समहू गतिविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।किसी विषय को पढ़ाने के बाद आप विद्यार्थियों के बीच विभिन्न गतिविधियों को शामिल कर सकते हैं। जैसे : भाषण प्रतियोगिता, वाद - विवाद प्रतियोगिता इत्यादि। इन गतिविधियों के माध्यम से स्टूडेंट्स का भाषण कला, विचार प्रकट करने की कला इत्यादि धीरे - धीरे विकसित होती है। यह कुछ महत्वपूर्ण तरिके से जिससे आप टीचिंग फील्ड को प्रभावी बना सकते हैं। उपरोक्त टिप्स के अलावा टिप्स हैं :समय - समय पर मूल्यांकन करें, रचनात्मकता को बढ़ावा दें, तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करें, तकनीक का उपयोग करें, स्वयं को अपडेट रखें, बच्चों को प्रेरित करें और बच्चों के साथ मजबूत रिलेशन रखें। धन्यवाद काजल साह

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