अवैध खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
पूर्वी सिंहभूम जिले के राखा वन क्षेत्र के जोबला गांव के जंगलों में अवैध पत्थर खनन और परिवहन का गोरखधंधा जोरों पर है। हर दिन कई ट्रैक्टरों द्वारा पत्थरों की ढुलाई की जा रही है, लेकिन वन विभाग और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस अवैध कारोबार में अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है, क्योंकि शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
इस अवैध खनन से न केवल प्राकृतिक संसाधनों की लूट हो रही है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। लगातार पत्थर निकालने से जंगल के भू-परिदृश्य पर असर पड़ रहा है, जिससे वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को खतरा हो सकता है।
स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगी, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। प्रशासन की निष्क्रियता से सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह मिलीभगत का मामला है या विभाग सच में इस गोरखधंधे को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।
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