सम्पूर्ण जीव- जगत की दुनिया में मानव सबसे चमत्कारी प्राणी है। मनुष्य में निर्माण एवं नष्ट करने की शक्ति मौजूद है।पाषाण युग से लेकर तकनीकी के युग में मनुष्य ने अपनी कल्पनाशक्ति, अथक मेहनत और प्रयास से हर असम्भव कार्य को सम्भव करके दिखाया है।
लेकिन आज मनुष्य भौतिक एवं तकनीकी की दुनिया में अस्त - व्यस्त होते जा रहा है। जिसकी वजह से मानव की मानवता लुप्त होते जा रही है। हमें यह समझने कि आवश्यकता है कि भौतिक समृद्धि तभी सार्थक रूप से सफल हो पायेगी.. जब नैतिक मूल्यों अर्थात सच्ची मानवता का समावेश होगा।
सबसे उच्चत्म कोटि का गुण मानव में मौजूद मानवता है। यह एक ऐसा गुण है, जो हमें एक - दूसरे से जोड़ता है और विकास की पथ की ओर अग्रसित करता है। असली मानव वही है, जिसमें मानवता के गुण मौजूद है।
आज इस निबंध में असली मानवता के क्या - क्या गुण होते है? असली मानवता की क्या - क्या निशानियां है?
असली मानवता की प्रमुख निशानियां :
1. करुणा : करुणा एक अनमोल एवं अनुपम भावना है, जो सच्ची मानवता की पहली निशानी है। अतीत गवाह है - भारत में ऐसे कई वीर एवं युगपुरुष हुए है, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज एवं देश के लोगों के लिए न्योछावर कर दिया।चाहे वह बापू हो, गाँधी जी, दया के सागर विद्यासागर इत्यादि।
वर्तमान में अधिकांश लोग केवल स्वयं के हित के लिए जीते है। जिससे समाज में स्वार्थ भावना बढ़ते जा रही है। दया, स्नेह जैसे सद्गुणों का लोप हो रहा है। इसलिए यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि सच्ची मानवता को मजबूत एवं स्थायी बनाये रखने के लिए प्रथम गुण जिसके अन्तर्गत दूसरों की पीड़ा को समझे और उनकी मदद करने का प्रयास करें।
2. क्षमाशीलता एवं ईमानदारी : मानव जीवन में समय एवं ऊर्जा सीमित है। घृणा, नफ़रत में, लड़ने में इत्यादि जैसे अवगुण कार्यों में समय व्यय करना मानव की सबसे बड़ी भूल होगी। ये ( घृणा, नफ़रत, जलन इत्यादि ) ऐसे विकार है, जिससे मानव की मानवता नष्ट होने लगती है। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इन विकारों को जीवन से दूर करके सभी लोगों के साथ सस्नेह व्यवहार किया जाये।
अगर किसी व्यक्ति से भूल हो गई या आपने कोई गलती कर दी है। तब शीघ्रता उसी समय व्यक्ति से माफ़ी मांगे और अन्य व्यक्ति को भी माफ़ कर दे।
इस दुनिया में कोई भी चीज स्थायी नहीं है लेकिन मानव के द्वारा किये गए अच्छे कार्य एवं उनके विचार सदैव के लिए स्थायी रहता है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सीमित समय एवं सीमित ऊर्जा में अच्छे - अच्छे कर्म करें।
* ईमानदारी :अगर आप एक विद्यार्थी या कर्मचारी अपने कार्य को सार्थक एवं स्पष्ट रूप से करते है, तब यह आपकी ईमानदारी है अपने कार्य के प्रति। आज छोटे से बड़े - बड़े स्थानों पर करपशन है। क्यूकी लोगों में अपने कार्य के प्रति ईमानदारी का आभाव है। जब मनुष्य ईमानदारी से अपने कार्य को करता है और किसी अन्य लोगों के साथ बुरा नहीं करता है.. तब यह भी सच्ची मानवता की पहचान है।
हम सभी लोगों को अपने भारत देश को राजीनीतिक, आर्थिक, साहित्य, खेलकूद इत्यादि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत बनाने के लिए अपने - अपने कार्यों को ईमानदारी करना अत्यंत जरुरी है।
3.नम्रता एवं सादगी :नम्रता एक अनमोल एवं अनुपम गुण है। नम्र व्यक्ति से सभी लोग जुड़ना चाहते है। क्युकी नम्रता में सकारात्मकता सम्पूर्ण समावेश है। सच्ची मानवता में नम्रता के भाव का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।इसलिए यह जरुरी है कि जिस प्रकार हम स्वयं के प्रति एवं अपने परिवार के प्रति नम्र भाव रखते है, ठीक उसी प्रकार अपने अन्य व्यक्तियों के प्रति नम्रता का भाव रखना अत्यंत आवश्यक है।
साधा जीवन उच्च विचार यह सच्ची मानवता का महत्वपूर्ण गुण है। सच्चे व्यक्ति दिखावटी जीवन नहीं जीते है। आज अधिकांश युवा अपने माता - पिता के धन को आनावश्यक दिखावटी में व्यय कर देते है।
सच्ची मानवता के महत्वपूर्ण गुणों में सादगी महत्वपूर्ण गुण है। इसलिए अनावश्यक दिखावा ण करे और अपने धन का उपयोग स्वयं के लिए करे लेकिन अपनी हैसियत के अनुसार जरूरतमंद लोगों की भी मदद करें।
4. सहयोग एवं आशावाद : सहयोग एक उच्चत्म कोटि की प्रकिया है। सहयोग करने से घटता नहीं है अपितु योग होता है अर्थात बढ़ते जाता है।अगर कोई व्यक्ति समस्या में है और उसे समस्या में देखकर आँखें फेर लेना यह सबसे बड़ा कलंक है मानव होने पर।
आज के सोशल मीडिया के दौर पर लाइक्स, कमेंट इत्यादि पाने की चाह में ऐसे भी समाज में लोग है जो लोगों को समस्या में देखकर सहयोग नहीं बल्कि वीडियो बनाते है।
सहयोग कीजिये अन्य लोगों का.. इससे जीवन में आपका शान्ति, सहानुभूति, प्रेम जैसे अनमोल गुणों का योग होगा।
जीवन एक समुन्द्र है, जिसकी तरंगे कभी ऊपर कभी शांत की धारा में प्रवाहित होती है। जीवन सुख और दुख का संगम है। इस मधुर संगम का आनंद लेने के लिए हमें हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए। आशावाद, साहस, हिम्मत, स्नेह जैसे सदगुणों को कभी भी अपने जीवन से दूर ना करें। जीवन के हर परिस्थितियों से निडरता से लड़े।
किसी ने क्या खूब कहा है - जितना बड़ा संघर्ष होगा.. जीत उतनी शानदार होगी। इसलिए निरंतर संघर्ष करें। जितना आप आज संघर्ष कीजियेगा.. आपका जीवन उतना ही चमकेगा।
5. समाज सेवा : मनुष्य एक समाजिक प्राणी है। समाज के लिए सार्थक कार्य करना हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।अगर विद्यार्थी हो या कर्मचारी कुछ क्षण जरूर निकाले समाज सेवा के लिए।
विभिन्न नगरों में, स्थानों में विभिन्न क्लब एवं फाउंडेशन है। जिसमें आप अपने समय, अपनी हैसियत के अनुसार धन अनुदान कर सकते है।
समाज सेवा मानवता की उच्च कोटि का गुण है, इसलिए सच्चे दिल एवं स्नेह से लोगों की मदद करें।
आशा करती हूं कि यह निबंध आज आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा। आप जान चुके होंगे कि सच्ची मानवता क्या है? उपरोक्त गुण के अलावा मानवता के गुण है - सहानुभूति, दयालुता, संतोष, प्रेम, आत्म- अनुशासन इत्यादि।
धन्यवाद
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