बांग्लादेश और भारत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और अब बांग्लादेश के प्रशासक यूनुस ने भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश शुरू कर दी है। बांग्लादेश के प्रशासक मुहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार महफूज आलम ने कहा है कि भारत को बांग्लादेश में हुए विद्रोह को स्पष्ट रूप से मान्यता देनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को नए सिरे से शुरू करने की कोशिश करनी चाहिए।
आलम ने यह भी कहा कि भारत को 1975 के बाद की रणनीति बदलनी चाहिए और बांग्लादेश की नई वास्तविकताओं को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान बांग्लादेश परिदृश्य 1975 के बाद की स्थिति जैसा नहीं है क्योंकि जुलाई का विद्रोह एक लोकतांत्रिक और जिम्मेदार संघर्ष था।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब ढाका-दिल्ली संबंधों में भारी तनाव देखने को मिल रहा है। भारत ने बांग्लादेश के हिंदू समुदाय में उत्पन्न भय पर चिंता व्यक्त की है, हालांकि बांग्लादेश ने इस धारणा का कड़ा विरोध किया है। बांग्लादेश ने कहा है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भारत को अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
इस पृष्ठभूमि में, बांग्लादेश के प्रशासक यूनुस की भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत और बांग्लादेश अपने मतभेदों को दूर कर सकते हैं और अपने संबंधों को मजबूत बना सकते हैं।
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