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27/11/2023 Neelesh Sharma Accident Views 365 Comments 0 Analytics Video English DMCA Add Favorite Copy Link
Tunnel Accident: अब उत्तरकाशी में बर्फबारी और बारिश का अलर्ट, अगर मौसम खराब हुआ तो रेस्क्यू में लगेगा और भी वक्त

Tunnel Accident Rescue Weather Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के अभियान का आज (27 नवंबर) 16 वां दिन है. इन्हें निकालने के लिए पहुंचाई जाने वाली 80 सेंटीमीटर व्यास की आखिरी 10 मीटर की पाइप बिछाने का काम पिछले चार दिनों से नहीं हो पाया है, क्योंकि ड्रिल करने वाली ऑगर मशीन में टूट कर अंदर ही फंस गई थी. इस बीच बचाव अभियान पर कुदरत के कहर का खतरा भी मंडराने लगा है. पाइप के अंदर से मशीन के टूटे हुए हिस्से को भले ही निकाल लिया गया है. अब वैकल्पिक रास्ते के तौर पर भारतीय सेना के जवान पहाड़ी के ऊपर से वर्टिकल खुदाई कर रहे हैं. करीब 20 मीटर तक की खुदाई पूरी हो चुकी है. वर्टिकल तौर पर कम से कम 86 मीटर की खुदाई की जानी हैं, जिसमें चार दिनों का वक्त लगने का दावा किया जा रहा है. दूसरी ओर सुरंग के अंदर बचाव अभियान के लिए अचूक रणनीति बनाने में मदद के लिहाज से ड्रोन मैपिंग भी कर ली गई है. इस बीच मौसम विभाग के एक अलर्ट ने बचाव अभियान में जुटे कर्मियों और अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों की टेंशन बढ़ा दी है. भारी बारिश और बर्फबारी का खतरा भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग ने आज सोमवार से तीन दिनों तक भारी बारिश के साथ बर्फबारी की चेतावनी दी है, जिसकी वजह से बचाव अभियान में और मुश्किलें आ सकती हैं. विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के ऊपरी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से भारी बारिश के साथ-साथ बर्फबारी की संभावना व्यक्त की है. सिलक्यारा, बड़कोट उत्तरकाशी के वो इलाके हैं जहां भारी बर्फबारी होती है. बचाव अभियान में आएगी कैसी मुश्किल ? उत्तरकाशी में जहां सुरंग धंसी है, वहां पहाड़ी मिट्टी होने की वजह से बारिश के बाद हल्की होकर और धंसने लगती हैं. असल में सुरंग के अंदर डाली गई पाइप जिस सहारे पर टिकी है, उसमें भी बारिश के बाद दरार पड़ने की आशंका है. यहां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों की सुरक्षा भी बारिश के बाद बड़ी चुनौती होगी. अगर मौसम विभाग की चेतावनी के हिसाब से यहां बर्फबारी होती है तो निश्चित तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित होगा. बर्फबारी के बाद बिजली की दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. साथ ही ठंड बढ़ने के कारण सुरंग में मजदूरों को भी दिक्कतें होंगी और बचाव अभियान में लगे लोगों को भी. इसलिए सेना के जवानों ने सुरंग की ड्रोन के जरिए 3D मैपिंग की है, ताकि बर्फबारी के बाद अगर सुरंग का मुहाना ढक भी जाए तो मेरे अंदर की प्रतिकृति समझ कर रणनीति बनाई जा सके. मौसम विभाग के निदेशक डॉ विक्रम सिंह के अनुसार उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में बारिश ओलावृष्टि और 3500 मीटर की ऊंचाई पर बर्फबारी होने की संभावना है. इन इलाकों में घना कोहरा भी छाएगा, जिसकी वजह से सड़क और रेल यातायात में भी परेशानी होगी. बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद पिछले कई दिनों से मौके पर डटे हुए हैं और खुद ही बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने उत्तरकाशी में अपना एक अस्थाई कैंप खोला है, जहां से मुख्यमंत्री दफ्तर के बाकी काम कर रहे हैं. दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को यह सुरंग धंस गई थी, जिसके बाद से यहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में लगातार हो रही देरी और अब कुदरत के कहर का अलर्ट जारी होने के बाद, परिजनों का मनोबल टूट रहा है.

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