असली योद्धा वह है, जिसने स्वयं पर जीत हासिल की। कुविचार, कुकर्म इत्यादि हर नकारात्मकता को अपने जीवन से दूर करके एक सकारात्मक जीवन जीने की शुरुआत की। एक सुन्दर, सभ्य एवं सफल जीवन जीने के लिए मन के हर विकारों को दूर करना अत्यंत आवश्यक जरुरी है। आंतरिक सफलता अत्यंत जरुरी है बाहरी सफलता की तुलना में।आज इस निबंध में आपको बताने वाली हूं कि आप स्वयं को समग्र रूप से अर्थात मानसिक, शारीरिक एवं अध्यात्मिक रूप से कैसे मजबूत बना सकते हैं? खुद का Best Version कैसे बन सकते हैं? हर महत्वपूर्ण बिंदुओं को आप सभी के साथ साझा करूंगी, जिससे आप समग्र रूप से मजबूत बन पाएंगे। किसी भी क्षेत्र में बेहतर बनने के लिए समय लगता है। आप धैर्य एवं एकाग्रता के साथ प्रतिदिन कार्य करें।
महत्वपूर्ण टिप्स निम्नलिखित है :
1. आत्म-विश्लेषण एवं आत्म - अनुशासन : फ़िल्म हो या कोई अन्य व्यक्ति उसके बारे में जानकारी हासिल कर लेने के बाद हम गहराई से किसी अन्य को बता पाते हैं। लेकिन स्वयं के बारे में कुछ भी नहीं पता है।बेहतर बनने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य कदम है कि खुद का विश्लेषण करें अर्थात आत्म- विश्लेषण। अपनी ताकत, कमजोरियां, मूल्य, लक्ष्य इत्यादि को पहचानें।
आत्म-विश्लेषण वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से आत्मविश्वास, आत्म- महत्व एवं आत्म -विकास में उन्नति होती है। आत्म- विश्लेषण वह सशक्त प्रक्रिया है, जिससे हम अपने हर सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष के बारे में ज्ञात कर सकते हैं।
2. निरंतर : जब तक यह जीवन जब तक सीखना है। तन की मजबूती एवं वृद्धि के लिए स्वस्थ आहार, उचित नींद एवं नियमित व्यायाम अत्यंत आवश्यक है। ठीक उसी प्रकार मन की मजबूती एवं उन्नति के लिए नए - नए चीज़ें सीखें, ऑनलाइन के माध्यम से विभिन्न कोर्स करें।स्वयं को बेहतर बनाने की प्रक्रिया में दूसरी सीढ़ी है -निरंतरता। निरंतर नए - नए विषय, कौशल, कला इत्यादि सीखें। जब आपके पास ज्ञान होगा, तब आप अधिक आत्मविश्वास के साथ अपनी बातों को सभी के समक्ष रख पाएंगे।
नए - नए ज्ञान, कला इत्यादि सीखने से ज्ञान, कौशल में विकास होगा।निरंतर सीखते रहे और आगे बढ़ते रहें।
3. संवाद : खुद का Best Version बनने की प्रक्रिया में अपने संवाद कौशल पर अच्छे से कार्य करें।कम्युनिकेशन से संबंधित विभिन्न किताबों का अध्ययन करें। इन किताबों के अध्ययन के माध्यम से आप सीख पाएंगे कि एक प्रभावी कम्युनिकेटर कैसे बनते हैं? अत्यधिक बोलने की स्थान पर अन्य लोगों को सुनें।mutebreak.com इस वेबसाइट पर मैंने कम्युनिकेशन स्किल से संबंधित विभिन्न निबंध मैंने लिखा है।किसी भी फील्ड में आगे बढ़ने के लिए एक प्रभावी संचार कौशल की बेहद अनिवार्य भूमिका है।
4. दूसरों एवं माफ़ :मनुष्य होने के नाते हमारा यह परम कर्तव्य है कि हम अन्य लोग/प्राणियों की मदद करें। यह आवश्यक नहीं है कि मदद केवल आर्थिक रूप से ही कर सकते हैं। आप अपने अनुसार जरूरतमंद लोगों की मदद करें। अन्य लोगों की मदद करने से आंतरिक रूप से ख़ुशी एवं शांति मिल सकती है। इसलिए लोगों की मदद करें और सुखद जीवन यापन करें।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है, जिसके माध्यम से खुद का एक बेहतर version बना जा सकता है। उपरोक्त टिप्स के अलावा आत्म -अनुशासन के साथ कार्य करें, सकारात्मक सोचें, सकारात्मक लोगों के साथ रहें, उन चीज़ों के लिए आभारी रहें जो आपके पास हैं इत्यादि।
छठ महापर्व
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छठ महापर्व हमारी संस्कृत का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। छठ पर्व देश - दुनिया के अलग -अलग हिस्सों में छठ महापर्व मनाया जाता है। लेकिन विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश व नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। चलिए हम जानते हैं कि इस महापर्व से हम क्या सीख सकते हैं?
1. प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति प्रेम : छठ महापर्व सूर्य एवं प्रकृति की उपासना पर आधारित पर्व है। इस पर्व में जलाशयों में उतकर डूबते व उगते सूर्य की पूजा की जाती है। इससे सीख ली जा सकती है कि हमें प्रकृति व पर्यावरण का सम्मान करना चाहिए। साथ ही हमें आसपास स्वच्छता बनाये रखनी चाहिए।
2. संयम और धैर्य : छठी व्रती लगातार 36 घंटे का निर्जला और निराहार और आत्मनियंत्रण के बिना सम्भव नहीं है। इससे सीख मिलती है कि जीवन में कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य से काम लेना एक महत्वपूर्ण गुण है।
3. आपसी सहयोग का महत्व : छठ पर्व में पूरा परिवार मिलकर इस पर्व की तैयारी करता है। पूजा की साफ - सफाई प्रसाद बनाने और घाट सजाने में तो गांव - समाज के सभी लोगों का सहयोग होता है। इससे सीख मिलती है कि टीमवर्क, आपसी सहयोग और पारिवारिक एकता से हर काम आसानी से पूरा हो सकता है।
4. समर्पण और अनुशासन : छठ व्रती पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ छठ पूजा करते हैं। इससे सीख मिलती है कि किसी भी काम को पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ करना चाहिए। पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में अनुशासन का पालन करने से तुम अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हो।
5. जीवन में सादगी का महत्व :छठ पर्व में भव्यता की जगह सादगी पर अधिक ध्यान दिया जाता है। प्रसाद के रूप में ठेकुआ, फल और चावल की खीर जैसे साधारण व्यंजन बनाये जाते हैं। इससे सीख मिलती है कि जीवन में बाहरी दिखावे से ज्यादा सादगी और वास्तविकता का महत्व है।
उपरोक्त सीख के अलावा अन्य सीख है - आस्था और सकारात्मकता की शक्ति, सभी के प्रति सामनता व प्रेम का भाव इत्यादि। आशा करती हूं कि यह दोनों निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
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