आइ. ए. एस. साहब अपनी किताबों में डूबे रहते थे। एक दिन वह और उनकी पत्नी शादी में गए थे, उनकी पत्नी ने उनसे फोटो खींचने के लिए बोला, आइ. ए. एस. ने फोटो खींची, पत्नी ने चेक करके बोला की फोटो में कुछ पानी की बोतलें आ रही है इन बोतलों को हटाकर फोटो खींचीए। आइ. ए. एस. साहब झूझंला गए की अब बोतलों के दीखने से क्या दिक्कत है। तो उनकी पत्नी ने कहा मुझे दिक्कत है तो हटाओ । उन्होंने बोतलों को हटाकर फोटो खींची तब जाकर उनके पत्नी खुश हुई । आइ. ए. एस. समझदार थे, समझ गए कि सबकी खुशियों के स्रोत अलग-अलग होते हैं, पत्नी अपनी एक अच्छी सी फोटो पाकर खुश होती है, उनको परफेक्ट फोटो चाहिए। जैसे मुझे किताब मिलने से खुशी होती है । हर एक का चुनाव है।और सबको एक दूसरे के चुनाव का सम्मान करना चाहिए। हम सब ठीक एक जैसे नहीं है ,अलग-अलग लोग हैं, हम सबकी रूचियाँ एक जैसी नहीं है, हर को अपने रुचि के चश्मे से नहीं देख सकते। छोटी-छोटी बातों में बड़ी खुशियां होती हैं खुशियां खुशियां होती हैं उन्हें खर्च कम या ज्यादा होने का मसाला नहीं है । एक परिवार में चार्टर्ड अकाउंटेंट पत्नी कारों की बढ़ती साइज पर खुशी होती है ,उन्ही के चार्टर्ड अकाउंटेंट पति को वेद पूरान में गहरी दीलचस्पी है। उन्हें वेद पूरान की किताबों को हासिल करके खुशी मिलती है। एक शायर को जानता हूं जो पब्लिक पार्क में धूप में मूंगफली खाते हुए सोने में खुश हो जाते हैं। छोटी सी बातें हैं, पर उन्हें इससे बड़ी खुशी मिलती है। इसलिए हम सबको हमेशा दूसरे की खुशी के स्रोत के सम्मान करना चाहिए । एक बड़े उद्योगपति को जानता हूं जो अपने बड़ी सी कार से उतर कर पैदल चलकर ,एक गली में छोले भटूरे खाने जाते हैं । एक बहुत बुड़े कलाकार को जानता हूं, जो एक परम प्रसन्न तब दिखाई देते हैं जब वे पुरानी कबाड़ के बाजार से कला की पुरानी पुस्तक खरीद लाते हैं। खुशी हमेशा बड़ी कार या बड़े मकान की गुलाम नहीं होती। खुशियों के घर से हमेशा रिश्ता नहीं होता । छोटे से घर से बड़ी खुशियां मिल सकती हैं । हम सबको अपनी खुशी के छोटे-छोटे स्त्रोत तलाशने चाहिए, तब खुशी हासिल करना मुश्किल नहीं होता। वरना तो एक सतत फ्रस्ट्रेशन पीछा करता है ये नहीं मिला वह नहीं मिला। उगते सूरज को देखकर जो खुश होता है ,जो धूप में लेटकर खुश होता है, उसे खुशी होने से कौन रोक सकता है । जो एक छोटी सी किताब पाकर खुश हो जाता है, उसे खुश होने से कौन रोक सकता है। कोई एक अच्छी सी फोटो से खुश हो जाए, उसे खुश होने से कौन रोक सकता है । तो तलाशीए अपनी बड़ी खुशी के छोटे स्त्रोत।
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