अधिकांश लोग सोचते हैं ,विचार करते हैं लेकिन शुरू नहीं करते हैं।जिसके परिणामस्वरूप वह जीवन में वह लक्ष्य हासिल करने से चूक जाते हैं,जो जीवन में वे चाहते थे।किसी भी बड़े लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए बड़े शुरुआत की नहीं,बल्कि छोटी– छोटी शुरुआत करने की आवश्यकता होती है,क्योंकि कहा भी गया है कि छोटी– छोटी शुरुआत से ही बड़ा परिणाम प्राप्त हो सकता है।बड़े सपने और सफलता के लिए छोटे– छोटे कदम एवं निरंतर प्रयास करना अत्यंत आवश्यक है।आज मैं आप सभी के साथ एक महत्वपूर्ण विषय जिसका शीर्षक है – " छोटी शुरुआत,बड़ा परिणाम "
1. शक्ति: जिस प्रकार बूंद – बूंद से एक नदी का निर्माण होता है,ठीक उसी प्रकार बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे जरूरी है शुरू करना।हर बड़ा सफर एक छोटे कदम से शुरू होता है।
मान लीजिए कि एक व्यक्ति अपना वजन कम करना चाहता है,उसने यूट्यूब से कई वीडियोस देखे एवं डॉक्टर से भी सलाह ली।लेकिन जो – जो करने के लिए बताया गया,उसने कोई भी कार्य करने की शुरुआत ही नहीं की,इसी कारणवश वह अपने लक्ष्य को पूर्ण करने में चूक जाते हैं।
2. उपयोग: आधी जीत तब मिल जाती है,जब हम अपने लक्ष्य के लिए एक्शन लेना आरंभ करते हैं।लक्ष्य के बारे में केवल सोचते रहना समय की बर्बादी है।लक्ष्य के बारे में सोचना गलत नहीं है,लेकिन केवल उसके साथ शुरुआत न करना यह गलत है। समय सबसे शक्तिशाली है।यह जीवन केवल सोचते रहने के लिए भी मिला है।पृथ्वी पर निम्नतम से उच्चतम जीव– जंतु कर्म करते रहते हैं।समस्त प्राणियों में सबसे चमत्कारी प्राणी मनुष्य को माना गया है।मनुष्य होने के नाते हमें हमेशा उचित कर्म करते रहना चाहिए।बड़ा लक्ष्य हो या छोटा लक्ष्य उसके लिए प्रतिदिन छोटे – छोटे कदम प्रतिदिन लेना अत्यंत आवश्यक हैं।
3. आत्मविश्वास एवं प्रेरणा: आत्मविश्वास एक अनुपम गहना है,जो व्यक्ति को समस्त रूप से सौंदर्यता प्रदान करता है ।जब हम प्रतिदिन अपने लक्ष्य के लिए स्मॉल – स्मॉल स्टेप्स लेते हैं और उन स्टेप्स पर आगे बढ़ते हैं,तब हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।छोटी– छोटी शुरुआत एवं लक्ष्य की प्राप्ति के लिए डेली गोल्स को पूर्ण करने से हमारा आत्मविश्वास में वृद्धि होता है।
डेली गोल्स को पूर्ण करने से जो प्रेरणा हमें मिलती है,वह बाहरी प्रेरणा भी बल्कि आत्मिक प्रेरणा मिलती है।यह आत्मिक प्रेरणा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और हम अपने सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करके कार्य करते हैं।यह छोटी– छोटी सफलता ही हमें अपने लक्ष्य के करीब ले जाती है।
4.धैर्य एवं अनुशासन:धैर्य एवं अनुशासन सफलता का आधार है ।इन दोनों के आभाव में किसी भी शॉर्ट या लॉन्ग टर्म गोल्स की प्राप्ति संभव नहीं है।छोटी शुरुआत का बड़ा परिणाम तभी दिखता है,जब व्यक्ति धैर्य एवं अनुशासन बनाएं रखें। प्रतिदिन निर्धारित किए हुए लक्ष्य को हमें धैर्य एवं अनुशासन के साथ करना चाहिए।जल्दीबादी करने से कई बार असफलता मिलती है,इसलिए प्रतिदिन डेली गोल्स को हमें धैर्य एवं अनुशासन के साथ करना चाहिए।इन दोनों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है,किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए।
5.कदम : अधिकांश व्यक्ति लोगों के भय एवं अन्य को बेहतर मानकर शुरुआत ही नहीं करते हैं।यह दोनों कारण बहुत घातक होता है,जिसकी वजह से वे कभी भी अपनी पहचान नहीं बना पाते हैं ।भय एवं तुलना करने की आदतों को छोड़कर हमें छोटी शुरुआत जरूर करना चाहिए।लक्ष्य की प्राप्ति के दौरान मार्ग में अनेक बाधाओं का सामना भी करना हो सकता,लेकिन यह छोटी– छोटी शुरुआत ही हमें सशक्त बनाती है.. बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए।शुरुआत चाहे कितनी भी छोटी हो,हर कदम एवं हर कार्य से सीखने का सुअवसर रहता है ।छोटी– छोटी शुरुआत से ही व्यक्ति में सुधार होता है।
6.प्रभाव:प्रतिदिन 1% सुधार एक साल में 37 गुना बेहतर बना सकता है,इसलिए प्रतिदिन हमें कुछ नया सीखना चाहिए,जो हमारे सम्पूर्ण व्यक्तिव को निखारता है। रील्स देखने एवं व्यर्थ की बातों में समय बर्बाद हमें करना चाहिए,अपितु समय का उपयोग स्वयं को योग्य बनाना में करना चाहिए।
प्रतिदिन 1% सुधार यह छोटी शुरुआत है,लेकिन इसका परिणाम अधिक है।इसलिए छोटी शुरुआत को सफलता तक पहुंचने का मार्ग माना जाता है।
छोटी शुरुआत से ही बड़ा परिणाम मिलता है। इसीलिए हमें हमेशा शुरुआत करने से नहीं डरना चाहिए।आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
काजल साह
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