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14/09/2022 Kajal sah Adventure Views 426 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता - झांसी की रानी

कविता : झांसी क़ी रानी निकल पड़ी थी, एक नारी नये जोश के साथ हाथों में तलवार लिए घोड़े पर सवार दिल में आस लिए दुश्मन को मात देने लाख मुसीबतों को पार करके आ गई झाँसी क़ी रानी नहीं समझा कभी खुद कमजोर और नहीं खोया अपना साहस आया लाख मुसीबत किया डट के सामना और मिटा दिया सारे शत्रुओं को फिर नये जोश से लौटी हमारी देश क़ी झाँसी क़ी रानी। धन्यवाद : काजल साह (स्वरचित )

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