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23/12/2024 Kajal sah Awareness Views 65 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
संगति

अच्छी संगति एवं सकारात्मक विचारों से जीवन सफलता की ओर बढ़ता है। अच्छी संगति अर्थात किताबों का चयन एवं सकारात्मक विचार अर्थात किताबों का चयन। अच्छी किताबों को पढ़ने से हमारा ज्ञान में वृद्धि एवं व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है, इसलिए किताबें सबसे अच्छी मित्र है। ज्ञान से लेकर विज्ञान तक, मनोरंजन से मनोमंजन तक इत्यादि हर विषय को गहराई से जानने का सबसे उत्तम साधन किताबें हैं। लेकिन धीरे - धीरे युवाओं में किताब पढ़ने की रूचि घटती जा रही हैं। आज इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर मैं शेयर करुँगी कि ऐसा क्या कारण है कि युवाओं में किताब पढ़ने की रूचि धीरे - धीरे घटती जा रही हैं। युवाओं में किताबों में घटती रूचि के कारण निम्नलिखित है : 1. डिजिटल युग : 21 वीं सदी का श्रेष्ठ खोज मोबाइल है।मोबाइल में छोटे से स्थान से लेकर अंतर्राष्ट्रीय जगहों के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध है।मोबाइल लाभ भी अनेक है लेकिन हानियां भी बहुत है। डिजिटल युग अर्थात युवा सोशल मीडिया प्लेटफार्मप ( इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सअप इत्यादि ) का उपयोग नकारात्मक रुप से भी कर रहें हैं। अधिकांश समय व्यर्थ के कंटेंट देखना, चैटिंग करना इत्यादि। इन व्यर्थ कार्यों में उनका समय और ऊर्जा दोनों व्यय होता है। इसलिए जब वे किताब पढ़ने जाते है, तब उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता। सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग एक सीमा तक करें। अत्यधिक उपयोग करना स्टूडेंट्स के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा। अगर किसी इंसान को विद्यार्थी कहते हैं, तब उसके विद्या होना जरुरी है। इसलिए विद्या अर्जित करने के लिए निरंतर किताब पढ़ें। 2. घटती :आजकल के युवा एकाग्रता और धैर्य भूलते जा रहें हैं। इसके प्रमुख कारणों में से एक कारण है डिजिटलकरण है।अगर भोजन लेना है तो जोमाटो कर लो,कोई ड्रेस चाहिए तो घर बैठे आर्डर करना इत्यादि। आजकल के युवा भी अपने पढ़ाई को ध्यान से नहीं कर रहें हैं। एकाग्रता एवं ध्यान के आभाव की वजह से धीरे - धीरे किताब पढ़ने के प्रति रूचि घटती जा रही हैं। त्वरित एवं लघु ज्ञान सबसे बड़ा कारण है तेज़ी से घटती एकाग्रता का। पढ़ाई सबसे बड़ी ताकत है। मानसिक एवं बौद्धिक विकास के उन्नति के लिए किताब पढ़ना आवश्यक है। 3.नीरस : कई बार युवा किताब इसलिए नहीं पढ़ना चाहते, क्योंकि उन्हें कठिन शब्द, कठिन वाक्यों को पढ़ना पड़ता है।कठिनाई की वजह से उनका किताबों से रूचि कम होने लगती है। अगर आप किताब पढ़ने की यात्रा शुरु करना चाहते हैं, तब शुरुआत अपनी पसंद से करें। जैसे आपको कौन - सी किताब पढ़ना अच्छा लगता है( कविता की, कहानी की इत्यादि ) पहले इसका चयन करें। सरल एवं स्पष्ट भाषा से संबधित किताबों को पढ़ना शुरुआत करें। इजी से शुरुआत करे फिर धीरे - धीरे आगे बढ़िए। 4. दबाव :कला, धन, कौशल, पब्लिक स्पीकिंग इत्यादि हर विषय से संबंधित अच्छी - अच्छी किताबें मौजूद है। लेकिन ऐसा भी देखा जा रहा है कि युवाओं को परीक्षा और पाठ्यक्रम की तैयारियों में इतना व्यस्त कर दिया गया है कि वे अपने सिलेबस से बाहर किताबें पढ़ने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं। पाठ्यक्रम को सरल एवं सरस बनाया जाये, जिससे युवा कुछ समय निकाल पाएंगे, अन्य विषय से संबंधित किताब पढ़ने के लिए। युवाओं के समग्र विकास के लिए अन्य विषय ( फाइनेंसियल, पब्लिक स्पीकिंग इत्यादि ) से संबंधित किताबें पढ़ना जरूर चाहिए। 5. प्रभाव : संगत का हमारे जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। अच्छी संगति अर्थात जीवन में सकारात्मकता, जीवन में ऊर्जा एवं जीवन में उत्साह। कई बार युवा ऐसे लोगों से मित्रता कर लेते हैं, जिन्हें पढ़ाई में कोई रूचि नहीं है। जिन्हें किताब पढ़ने में कोई रूचि नहीं है। ऐसी संगति का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिय मित्रों का चयन बुद्धिमत्ता के साथ करें। अच्छी संगति हमेशा ऊंचाई की ओर बढ़ना सीखाती है। ऐसे लोगों से मित्रता करें, जिन्हें पढ़ने में रूचि हो और जो जीवन में आगे बढ़ना चाहते है। 6. ऑडियोबुक और ई-बुक्स :वर्तमान में ज्यादातर लोग किताबों से दुरी बनाकर ऑडियोबुक्स और ई - बुक्स पर निर्भर है। समय का सदुपयोग एवं इंटरनेट का सही उपयोग करने के लिए यह तरीका उत्तम है, लेकिन हार्डकॉपी से शब्दों की गहराई एवं पढ़ा बहुत देर तक याद रखा जा सकता है। यह कुछ प्रमुख कारण है, जिसकी वजह से युवाओं में किताब पढ़ने की रूचि कम होते जा रही हैं। इस समस्या को हल किया जा सकता है। जैसे : किताबों को दिलचप्स बनाना होगा, पढ़ने की आदत को पुरस्कृत करना, लाइब्रेरी के प्रति जागरूक करना, किताबों को सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने का प्रयास करना एवं स्कूल में रीडिंग ऑवर। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। किताब पढ़े और जीवन में आगे बढ़े। धन्यवाद काजल साह

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