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13/04/2025 Aditi Pandey General Views 51 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
बैंकों का साइबर फ्रॉड रोकने के लिए बड़ा प्रस्ताव

भारतीय बैंकों ने फर्जी लेनदेन और साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिया है। बैंकों का कहना है कि उन्हें अवैध लेनदेन में लिप्त खातों को तत्काल जब्त करने का अधिकार मिलना चाहिए। वर्तमान में, बैंक केवल आंतरिक कारणों के आधार पर संदिग्ध खातों को अस्थायी रूप से रोक सकते हैं, लेकिन धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अदालत या कानून प्रवर्तन एजेंसियों की अनुमति के बिना खातों को जब्त नहीं किया जा सकता है। प्रस्ताव के मुख्य बिंदु - अवैध खातों को जब्त करने का अधिकार: बैंकों को अवैध लेनदेन में लिप्त खातों को जब्त करने का अधिकार देने से साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। - तकनीकी समाधान: बैंकों ने कृत्रिम बुद्धिमता और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों को लेनदेन निगरानी प्रणालियों से जोड़ने का सुझाव दिया है। - नियमित प्रशिक्षण: बैंकों के कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण देने से संदिग्ध गतिविधियों को समय रहते पकड़ने में मदद मिलेगी। - हितधारकों के बीच तालमेल: हितधारकों के बीच तालमेल बेहतर बनाने से एकीकृत प्रणाली विकसित करने में मदद मिलेगी। - पहचान प्रणाली पर सख्ती: फर्जी खातों के संचालन पर रोक लगाने के लिए बैंकों ने पहचान प्रणाली पर सख्ती की जरूरत बताई है। आरबीआई की पहल भारतीय रिजर्व बैंक ने भी साइबर फ्रॉड रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आरबीआई ने बैंकों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन bank.in पेश करने की घोषणा की है, जिससे डिजिटल बैंकिंग को सुरक्षित बनाया जा सके। यह पहल डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद करेगी।

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