खेल जगत से सिनेमा जगत, शिक्षा जगत से राजनीतिक जगत इत्यादि हर क्षेत्र में महिलाएं पुरजोर से आगे बढ़ रही है। यह महत्वपूर्ण दृश्य एक दिन अवश्य ही भारत को एक विकसित, सशक्त राष्ट्र बनने की दिशा की ओर अग्रसर कर रहा है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने कहा था - "राष्ट्र की शक्ति उसकी नागरिकों की शक्ति में निहित है" अर्थात राष्ट्र की उन्नति तभी पूर्ण रूप से सम्भव है, जब देश में नर और नारी को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा,कौशल, अवसर इत्यादि प्राप्त होंगे।
आज इस निबंध के माध्यम हम यह जानने का प्रयत्न करेंगे कि महिलाएं अपनी पर्सनालिटी को कैसे विकसित कर सकती है? कैसे अपने व्यक्तित्व को निखार सकती है?क्यों पर्सनालिटी मजबूत होना चाहिए?
1. आत्म - विकास : आचार्य प्रशांत जी ने कहा था - जब तक महिलाएं स्वयं को देह की तरह देखेंगी.. तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाएंगी। स्त्री कोई वस्तु नहीं है। व्यक्तित्व विकास केवल शारीरिक सजवाट से नहीं होता है, बल्कि मानसिक शक्ति को मजबूत करना भी अनिवार्य पहलु है। व्यक्तित्व विकास के लिए सबसे पहले स्वयं के लिए समय निकाले अर्थात खुद को जाने, अपनी ताकत, कमजोरियों, रुचियों एवं मूल्यों को गहराई से जानने का प्रयास करें।
आत्म - अध्ययन के आभाव में आत्म - विकास सम्भव नहीं। गाँधी जी ने कहा था - "आप जो बदलाव दुनिया में चाहते है, वह बदलाव सबसे पहले स्वयं से आरम्भ कीजिये " अर्थात दुनिया को बदलने से पहले स्वयं को बदलना जरुरी है। स्वयं को बदलने की पहली कड़ी है आत्म - अध्ययन।
2. लक्ष्य : मैं अपने पेरेंट्स की तीसरी बेटी हूं। पापा को जैसे ही पता चला कि बेटी हुई है, पापा के चेहरे पर उदासी आ गयी। बड़ी हुई तब पता चला की बेटी होते ही क्यों उदासी आ जाती है। हम सभी को समझने की आवश्यकता है कि जिस प्रकार हम बेटे को पढ़ाने का स्वप्न और आगे बढ़ाने का स्वप्न देखते है.. ठीक उसी प्रकार हर बेटी को आगे बढ़ाने और उसे अच्छे पढ़ाने का स्वप्न हमें देखना चाहिए।
महान व्यक्तित्व राजाराम मोहन राय, विद्यासागर, सावित्री बाई फुले, ज्योतिबा फुले जैसे महान व्यक्तिव के महान संघर्ष के बाद महिलाओं को भी आगे बढ़ने का अवसर मिला है। अगर हमारे माता - पिता हमें पढ़ा रहे है, तब हमें अच्छे से पढ़ना चाहिए।
लक्ष्य के बिना जीवन शून्य है अर्थात जीवन व्यर्थ है। व्यक्तित्व विकास के कड़ी में हर महिलाओं को स्पष्ट एवं मापने योग्य लक्ष्य निर्धारित जरूर करना चाहिए।लक्ष्य आपको हमेशा प्रेरित रखेगा और आपको सफलता की ओर ले जाएगा।
3. सकारात्मक : मनुष्य विचारों से निर्मित प्राणी है, जैसा वह सोचता है वैसा वह बन जाता है।व्यक्तित्व विकास के लिए बेहद और अनिवार्य सकारात्मक विचारों का। कई बार महिलाओं का हौसला टूटने लगता है.. जब उनको यह कहा जाता है कि तुम स्त्री हो तुम्हारा कार्य घर संभालना है, बच्चों को पालना.. तुम पढ़ लिखकर क्या ही कर लोगी? नकारात्मक विचार, नकारात्मक लोग जीवन में कई बार आएंगे लेकिन हर स्त्री को हमेंशा सकारात्मक विचारों से मुसीबतों को पराजय करने का प्रयास हमेशा करना चाहिए।
व्यक्तित्व विकास के राह में हर चुनौतियों का सामना महिलाओं को निर्भय होकर करना चाहिए।सकारात्मकता में वह सशक्त शक्ति है, जिससे आपका आत्मविश्वास, आत्मशक्ति और ज्ञान में व्यापक वृद्धि होता है।
3.आत्मविश्वास :जीवन में कुछ भी करना असंभव नहीं.. जब आपको स्वयं पर अटूट एवं दृढ़ विश्वास रहता है। जीवन का दूसरा नाम संघर्ष है। जीवन में हर संघर्ष का सामना हर महिलाओं को हर्ष के साथ करना चाहिए। कहते है न संघर्ष जितना बड़ा होगा सफलता उतनी शोर मचाएंगी। हर स्त्री को अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए। अपनी हर छोटी से छोटी उपलब्धियों पर जश्न मनाना चाहिए। हर छोटी - छोटी खुशियां आपके जीवन अर्थात आपके व्यक्तित्व को सुनहरा, सुंदर बनाने की शक्ति रखती है।
5. सीखें : आचार्य प्रशांत जी ने कहा था - महिलाएं बहुत कम ध्यान देती है अपनी मानसिक स्वास्थ्य पर। अर्थात अपनी शिक्षा, कौशल, कला इत्यादि में। इसलिए महिलाओं की स्थिति हर सार्थक अर्थात उन्नति क्षेत्रों में कम है। स्त्री देह नहीं है। व्यक्तित्व विकास के लिए हर महिलाओं को हमेशा सीखते रहना चाहिए। नए - नए कौशल, कला इत्यादि सीखते रहना चाहिए। बाह्य सुंदरता क्षण समय के लिए है लेकिन आंतरिक सुंदरता अर्थात आपका ज्ञान,दूसरों के प्रति व्यवहार इत्यादि जीवनभर सदैव रहेगा। इसलिए महत्वपूर्ण है कि शारीरिक सुंदरता के साथ मानसिक स्वास्थ्य को विकसित करने में पुरजोर प्रयास करें।
# संचार कौशल : कम्युनिकेशन स्किल अर्थात संचार कौशल स्किल एक सबसे महत्वपूर्ण स्किल है।प्रभावी संचार कौशल हमेशा आपको आगे बढ़ाएगी।संचार कौशल के महत्वपूर्ण स्टेप्स :
i. संवाद : अपने कम्युनिकेशन स्किल को मजबूत करने के लिए जरुरी है कि आप अपनी बात स्पष्ट एवं संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत कर पाए। शर्माना शब्द लड़कियों के लिए ज्यादातर उपयोग होता है। अधिकतर लोगों से मैंने सुना है कि लड़कियों की तरह मत शर्माओं।यह धारणा हर स्त्री तभी तोड़ पाएंगी.. जब हर स्त्री अपनी बातों को दूसरे के समक्ष प्रभावी ढंग से रख पायेगी।
प्रभावी कम्युनिकेट तब ही सम्भव है, जब हम दूसरों की बातों को ध्यान से सुनेंगे। इफेक्टिव कम्युनिकेटर बनने से पहले एक अच्छा श्रोता बनना जरुरी है। दूसरों की बातों को ध्यान से सुनने से ज्ञान, कौशल इत्यादि का विकास होता है। इसलिए अपने व्यक्तित्व के विकास के एक कदम और आगे बढ़ने के लिए लिए इफेक्टिव कम्युनिकेशन स्किल जरूर इखे
ii. लिखने :लिखना भी कम्युनिकेशन स्किल का हिस्सा है।जिस प्रकार प्रभावी ढंग से बोलना और सुनना जरुरी है। ठीक उसी प्रकार पर्सनालिटी डेवलपमेंट के कड़ी में प्रभावी ढंग से सीखना भी जरुरी है। जितना आप लिखेंगे उतना आपका लेखन, विचार में स्पष्टता एवं सार्थकता आएगा।
लक्ष्य तक पहुँचने में जर्नीलिंग महत्वपूर्ण है।
# स्वास्थ्य :व्यक्तित्व विकास के कड़ी में तन एवं मन का स्वस्थ होना अतिआवश्यक है। इसलिए हर महिलाओं को स्वस्थ भोजन , नियमित रूप से व्यायाम और उचित नींद लेना चाहिए।
# शौक: अपने हॉबी, अपने पैशन अर्थात आपको जो करना अच्छा लगता है.. उसके लिए समय जरूर निकाले। जैसे - पेंटिंग, राइटिंग, पब्लिक स्पीकिंग इत्यादि जो करना आपको अच्छा लगता है.. उसके लिए समय जरूर निकाले। यह आपको तनाव मुक्त रखेगा। आप प्रसन्नता से जीवन जी पाएंगे।
# यात्रा : जीवन लम्बी नहीं महान होनी चाहिए। अपने जीवन को सार्थक उद्देश्य से भर दे। समय निकालकर यात्रा करने जाये। आपको नए लोग, संस्कृतियों इत्यादि से मिलने का अवसर मिलेगा।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है, जिसके माध्यम से महिलाएं अपने व्यक्तितत्व को विकसित कर सकती है। उपरोक्त टिप्स के अतिरिक्त पढ़ने का शौक विकसित करें, नए लोगों से मिले, दूसरों की मदद करें इत्यादि।
धन्यवाद
काजल साह
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