सबसे चंचल एवं गतिशील हमारा मन है। यह चंचल मन किसी भी समय किसी भी दिशा की ओर उन्मुख हो सकता है। लेकिन अभ्यस्त मन किसी भी दिशा की ओर शीघ्रता से उन्मुख नहीं होता है।
मन हमारा परम मित्र भी बन सकता है और परम शत्रु भी। इन दोनों का विकल्प हमारे पास है।मन को परम मित्र बनाने के लिए मन में उत्पन्न होने वाले ऐसे विचारों को, ऐसे कार्यों को एवं ऐसे भावनाओं को रोकना होगा.. जिसका परिणाम नकारात्मक हो सकता है।शांत एवं विवेकी मन बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे करने से क्रोधित मन को शांत मन में परिवर्तन किया जा सकता है।
शांत मन न केवल आपको तनाव से मुक्त रखता है बल्कि आपकी उत्पादकता और क्रिएटिविटी को भी बढ़ाता है।
मन को शांत रखने के कुछ प्रभावी उपाय :
1. ध्यान :ध्यान एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति अपनी पूरी चेतना को एक बिंदु पर केंद्रित करता है। ध्यान एक प्रभावशाली माध्यम है, जिससे आप अपने चंचल मन को नियंत्रित कर सकते है।
प्रतिदिन एक शांत स्थान पर ध्यान करने से तनाव, चिंता जैसे समस्याएँ दूर होने लगती है। ध्यान में अद्भुत शक्ति है, जिससे आपको ऊर्जा, उत्साह एवं शान्ति मिल सकती है।
# जीवनशैली में बदलाव :भौतिक एवं तकनीकी की दुनिया में मनुष्य इतने ज्यादा -अस्त व्यस्त हो चुके है, कि वे अपने जीवन को स्वतंत्र रूप से जी ही नहीं पाते है। जीवन को खुलकर ना जीने की वजह से चिंता,थकवाट, अवसाद इत्यादि से परेशान रहते है। जिससे मन में अशांति उत्पन्न होती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि मन की शान्ति के लिए सबसे पहले आपको आत्मनिरीक्षण करना होगा अर्थात स्वयं के जीवनशैली को अत्यंत गहराई से विश्लेषण करें। कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर ध्यान दे :
* नींद : स्वस्थ एवं सुखद जीवन जीने के लिए अनिवार्य है कि आप मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे। इसके यह जरुरी है कि आप पर्याप्त नींद ले। 7-8 घंटे की नींद लेने से तन और मन दोनों तरोताज़ा रहता है। आप अधिक उत्पादकता एवं उत्साह के साथ कार्य कर पाते है। इसलिए यह अत्यंत जरुरी है कि अपने नींद को पूरा करें।
नींद पूर्ण नहीं होने पर अधिकांश लोग उत्पादकता के साथ कार्य नहीं कर पाते है। इसलिए स्वस्थ मन और स्वस्थ तन के लिए नींद पर्याप्त मात्रा में ले।
* स्वस्थ आहार : जिस प्रकार तन और मन को तरोताज़ा करने के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। ठीक उसी प्रकार स्वस्थ तन को मजबूत एवं मन को सशक्त बनाने के लिए उचित आहार आवश्यक है।
संतुलित आहार का सेवन करें। ऐसे आहार का सेवन ना करें जो आपके तन और मन दोनों के लिए हानिकारक हो। जैसे - जंक फ़ूड। जंक फ़ूड खाने में स्वादिष्ट है लेकिन इसका परिणाम अत्यंत घातक है। स्वस्थ नींद एवं स्वस्थ आहार के साथ अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर ध्यान दे -
# नियमित व्यायाम : व्यायाम एक ऐसा क्रिया है, जिससे प्रतिदिन करने से तन और मन दोनों स्वस्थ रहता है।प्रतिदिन व्यायाम करने से चिंता, परेशानियां इत्यादि कम होने लगती है। जिससे मन शांत और प्रसन्न रहता है।
* प्रकृति : मन एक स्पंज की भांति है। जिस प्रकार स्पंज पानी हो या किचड़ किसी भी चीज को अवशोषित कर लेता है, ठीक उसी प्रकार हमारा मन है। अब विकल्प हमारा है। मन को शांत या अशांत रखना है। इसलिए यह अत्यंत जरुरी है कि केवल घर से ऑफिस और ऑफिस से घर। यही तक सफर नहीं रखिये। ऐसे स्थानों पर जाये.. जहां आपको ख़ुशी, उमंग एवं शान्ति मिलती है।
प्रकृति से जुड़े। कहा भी जाता है प्रकृति के बीच समय बिताने से मन शांत और होता है।
# मानिसक स्वास्थ्य : आचर्य प्रशांत जी ने कहा था - "मन अवशोषक है, वो कुछ तो अवशोषित करेगा ही। अगर आप उसको अच्छी चीज़ें अवशोषित करने में व्यस्त नहीं रखोगे तो वो घटिया चीज़ें अवशोषित कर लेगा। और मन जिस चीज़ को अवशोषित कर लेता है, वही आपकी ज़िन्दगी बन जाती है। इसलिए अनिवार्य है कि हमें अपने मन को सही विचारों से पूर्ण करना चाहिए। मन में नकारात्मक विचारों के समावेश से मन शांत नहीं रहता और कई तरह के नकारात्मक कार्यों के बारे में सोचता है। इसलिए यह जरुरी है कि निम्नलिखित बिन्दुओ पर ध्यान दे :
* सकारात्मक : सकारात्मक विचार वह शक्ति है, जिससे नकारात्मक विचारों एवं नकारात्मक कार्यों को आप परास्त कर सकते है। लेकिन शर्त यह है कि आपका सकारात्मक विचार प्रबल होना चाहिए। सकारात्मक सोच से आपको शक्ति, ऊर्जा एवं साहस मिलता है कठिन परिस्थितियों से लड़ने का। इसलिए अगर आप मन की शान्ति चाहते है और अपने मन को खुद के वश में करना चाहते है, तब सकारात्मक विचारों को अपने जीवन का परम मित्र बनाने का प्रयास करें।
* आभार : आभार प्रकट करना एक अद्भुत एवं महत्वपूर्ण गुण है। हर दिन उन चीज़ों के लिए ईश्वर से आभार दिखाएं जिनके लिए आप कृतज्ञ हैं।
भगवान,माता - पिता, मित्र एवं उनलोगों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें। साथ ही साथ उनलोगों को भी माफ़ कर दे, जिनकी वजह से आपको दुख पहुँचा है । प्रतिदिन रात को सोने से पहले उनलोगों से भी मांफी मांग ले जिनको आपकी वजह से दर्द पहुंचा है।
# सीमा निर्धारित :अपनी सीमाएं निर्धारित करें। एक निर्धारित सीमा तय करने से आप अपने मन को शांत रख सकते है।अपने कार्य से लेकर मित्रों तक के लिए एक लिमिटेशन निर्धारित करें।
# सबसे अच्छा मित्र : दूसरों से प्रेम की चाह में हम दर - दर भटकते है। अन्य से प्रेम करने से पहले स्वयं से प्रेम करना अत्यंत जरुरी है। जब दूसरों से प्रेम नहीं मिलता.. तब मन विचलित एवं परेशान हो जाता है। जिससे आज की भाषा में डिप्रेशन कहते है। मन को शान्ति एवं डिप्रेशन जैसे घातक रोग से बचने के लिए अपने जीवन में ज्ञानवर्धक किताबों का चयन करें। अच्छी किताबें जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।किताबों के अध्ययन से नई - नई चीज़ें सीखने को मिलती। जिससे आपका ज्ञान, कौशल, बुद्धि में वृद्धि होती है।किताब पढ़ने के साथ ऐसे गाने भी सुने जिससे आपका मन शांत एवं प्रसन्न रहे।
यह कुछ महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे अपनाकर आप अपने मन चंचल मन को शांत एवं प्रसन्न कर सकते है। उपरोक्त कार्य के अलावा हमेशा हँसते रहे, कभी - कभी अकेले समय बिताये, प्रतिदिन नया कुछ सीखते रहे और यदि आप तनाव से बहुत परेशान है, उपरोक्त टिप्स अपनाने के बाद भी निदान नहीं हो पाया है तब पेश्वर से मदद लें।
धन्यवाद
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