जीत उन्हीं की होती है जो सामान्य व्यक्तियों से हटकर होते है। जीत उन्हीं की होती है, जो अपने समय को व्यर्थ नहीं करते।किसी भी क्षेत्र में जीत हासिल करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण योग्यताओं की आवश्यकता होती है।इन योग्यताओं के आभाव में जीत मुमकिन नहीं। जब एक व्यक्ति प्रतिदिन अपने लक्ष्य के लिए सतत प्रयास, मेहनत, अभ्यास असम अपनी क्षमताओं को निखारते है.. निरंतर संघर्ष के एक दिन वह प्रभात आती है, जिसमें जीत की गूंज चारो तरफ सुनाई देती है।
आज इस निबंध के माध्यम से यह हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि जीत हासिल करने के लिए अर्थात विजयी बनने के लिए कौन - कौन प्रमुख योग्यताएँ जरुरी है?
विजेता बनने के लिए प्रमुख योग्यताएँ :
1. अनुशासित एवं सुनियोजित जीवन : अनुशासन वह अनुपम पुष्प की भांति है, जिसकी खुशबू से जीवन सुगंधित से पूर्ण हो जाता है अर्थात जीवन सुनियोजित दिशा की ओर अग्रसित होने लगता है। अतीत से लेकर वर्तमान में जितने भी महान हुए है और हो रहे है, उनमें सबसे सामान्य गुण सभी में है - अनुशासन। अनुशासन वह अनमोल और अद्भुत शक्ति है, जिससे हम अपने जीवन को सुनियोजित रूप में जी सकते है। अधिकांश लोग जीवन में सफल होना चाहते है लेकिन सफलता की मंजिल तक पहुँचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण योग्यता अनुशासन है। अनुशासन के आभाव में सुंदर, सुदृढ़ एवं सुगठित चरित्र का निर्माण संभव नहीं। महान दार्शनिक अरस्तु जी ने कहा था - " जीवन में वह विजेता है,जिसने स्वयं पर विजय प्राप्त कर ली है " स्वयं पर विजय पाने का सबसे मजबूत और सशक्त माध्यम अनुशासन।
अनुशासन जीवन का नियम है। अनुशासन हमारे जीवन में शक्ति, संयम एवं चरित्र को विकसित करती है। अनुशासन में अपार एवं अद्भुत शक्ति है, जिससे हममे आत्मविश्वास, आत्म-विश्लेषण, आत्म - स्वाभिमान इत्यादि में विकास होता है।
अनुशासन सफल व्यक्ति के जीवन का आधार है।
2. लक्ष्य - रूचि : लक्ष्य बिना जीवन व्यर्थ है। जब जीवन में सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य रहता है, तब समय एवं ऊर्जा का सदुपयोग होता है। लक्ष्य आपकी रूचि एवं पसंद का होना चाहिए। उदाहरण के लिए एक बुद्धिजीवी है और राजनीति का आपको कोई अनुभव नहीं है, राजनीति आपको कभी रास नहीं, तो आपका लक्ष्य राजनैतिक क्षेत्र में कुछ हासिल करने का नहीं होना चाहिए।
क्युकी जब आपका लक्ष्य आपकी रूचि के अनुरूप नहीं होता है, तब आप अपनी पूर्ण ऊर्जा और समय को एक दिशा में केंद्रीत नहीं करने में अक्षम रहते है। इसलिए बेहद जरुरी है कि लक्ष्य तय करते समय, किसी अन्य की नकल न करके स्वयं की इच्छा, अनिच्छा, नापसंद का विश्लेषण कर लेना अधिक उचित है। विजेता बनने के लिए रुचिपूर्ण एवं स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। रुचिपूर्ण लक्ष्य ही आपको कड़ी से कड़ी मेहनत, प्रयास,अभ्यास करने की दिशा की ओर उन्मुख करती है। लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में दुविधा आ सकती है। लेकिन आप अपनी क्षमता, कल्पनाशक्ति, सृजनशक्ति और रचनात्मक इत्यादि के माध्यम से दुविधाओं को पराजित कर सकते है।
3. तैयारी : आपने बड़े - बड़े लक्ष्य तों देख लिया है लेकिन उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तैयारी करना बेहद जरुरी है।सफलता प्राप्ति यानि जीत की राह, सरल एवं सुगम नहीं है। इसके लिए कठिन परिश्रम, दृढ़ इdच्छाशक्ति, आत्मविश्वास इत्यादि की आवश्यकता है। अपना सारा ध्यान अपनी सारी शक्तियों अपनी भावनाओं को लक्ष्य की दिशा में केंद्रित करना अनिवार्य है। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि अर्जुन की वह बात, जब उसने कहा कि मुझे कुछ नहीं, केवल चिड़ियाँ की आँख दिख रही है। अर्थात लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बेहतर प्लान बनाए। नियमित रूप से एवं अनुशासन के साथ नियमित रूप से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करें। मन चंचल है। मन बहुत गतिशील है लेकिन मन को नियमित अभ्यास से नियंत्रित किया जा सकता है।
4. हां : क्या आप जानते है, सफलता कई असफलताओं का योग है। हारने में कोई गलती नहीं है,लेकिन एक गलती बार - बात दोहराना यह गलत है। सफलता कई असफलताओं का योग होता है। चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक समाना हमें करना चाहिए। थॉमस एल्बा एडिसन जिन्होंने का अविष्कार किया। वे 1000 से ज्यादा असफल हुए है। लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं छोड़ा और असफलता को स्वयं पर हावी होने नहीं दिया।
लक्ष्य की दिशा में विभिन्न परेशानियाँ आ सकती है। हर मुसीबत का सामना दृढ़पूर्वक और धैर्य के साथ हमें करना चाहिए।
6. सकारात्मकता : सकारात्मक सोच से लेकर सकारात्मक कार्य जिसके आगमन से जीवन अनुपम हो जाता है। नकारात्मक व्यक्ति कड़ी मेहनत नहीं करते है, दूसरों के बारे में ब्लेम करते है इत्यादि लेकिन जब जीवन में सकारात्मकता को आत्मसात करते है, तब हर नकारात्मक विचार, नकारात्मक कार्य एवं नकारात्मक लोग जीवन से दूर जाते है। इसलिए जीवन में सकारात्मकता के अनुपम अस्त्र को अपनाएं.. जीवन को सफल बनाने की दिशा की ओर ले जाएँ।
यह कुछ महत्वपूर्ण योग्यता है विजेता बनने के लिए। उपरोक्त के अलावा दृढ़ संकल्प, टीम वर्क, नेतृत्व, जिज्ञासु बने, ईमानदारी के कार्य करें।
धन्यवाद
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