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18/01/2025 Kajal sah Development Views 70 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
दूसरों को सुनना और विशेषज्ञ

अधिकांश लोग केवल अपने बातों को रखने में इच्छुक होते है लेकिन अन्य लोगों की बात को सुनने में रूचि नहीं रखते हैं।कहा भी गया है कि मुर्ख लोग केवल अपनी बातों को रखने में आतुर रहते हैं और समझदार व्यक्ति वही है, जो अन्य लोगों की बातों को सुनें और उनके समय और वाणी को महत्व दें। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ शेयर करूंगी कि दूसरों को सुनना क्यों जरुरी है? दूसरों को सुनने से क्या - क्या लाभ होता है? व्यक्तिगत विकास में इसकी क्या - क्या भूमिका है? 1. सम्मान और समझ बढ़ना : एक - दूसरे को सम्मान देने का सबसे उत्तम माध्यम है कि एक - दूसरे को सुनना। जब आप दूसरों को सुनते हैं,तो आप उनकी भावनाओं, नज़रियों को समझते है। अन्य लोगों की बातों को ध्यान से सुनने से आप उस व्यक्ति से अच्छे से कम्युनिकेट कर पाते हैं। इफेक्टिव कम्युनिकेशन स्किल का सबसे पहला स्टेप है कि जो भी व्यक्ति आपके समक्ष है, उनकी बातों को ध्यान से सुनना। 2. मजबूती : आज क्यों रिश्ते टूट रहें हैं? क्यों आज रिश्तों भारत में डाइवोर्स हो रहा है? इसके प्रमुख कारणों में से एक कारण है संचार कौशल का आभाव। पार्टनर्स एक - दूसरे की बातों को ध्यान सुनना ही नहीं चाहते हैं। कम्युनिकेशन बिगड़ने पर रिश्ता बिगड़ने लगता है। इसलिए अपने पार्टनर से को समझे, उनकी बातों को सुनें। अच्छा श्रोता बनने से आपके व्यक्तिगत और पेशेवर संबंध मजबूत होते हैं। आप बोलने से ज्यादा अन्य लोगों की बातों को महत्व देते हैं और फिर उनकी बातों को समझकर,भावनाओं एवं दृष्टिकोण को समझने के बाद अपना मत रखना उत्तम गुण है।कहा भी जाता है कि एक अच्छा श्रोता ही एक अच्छा वक्ता बन सकता है। अन्य लोगों को जब हम ध्यान से सुनते हैं अर्थात हम उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं और अन्य लोगों को सुनने से भी बहुत कुछ सीखने का सुअवसर मिलता है। 3. प्राप्ति :विभिन्न प्रकार के लोग विभिन्न प्रकार की उनके विचार एवं दृष्टिकोण। दूसरों को सुनने से हमें नए विचार और दृष्टिकोण समझने का मौका मिलता है। ज्ञान केवल किताबों से ही नहीं मिलती, अपितु अन्य व्यक्तियों को सुनने से, उनके भावनाओं को समझने से भी मिलती है। दूसरों को सुनने से हमारी सोच, दृष्टिकोण व्यापक बनता है। दूसरों को केवक जवाब देने के लिए ना सुनें, बल्कि दूसरी की भावनाओं को समझने के लिए उनको सुनें।दूसरों को सुनने से हमारा प्रॉब्लम सोलविंग स्किल भी बेहतर होता है अर्थात हमें समस्याओं को हल करने के लिए नए तरीकों से सोचने में मदद करता है। 4. कम : आज इसलिए रिश्ते में कमजोरियां आ रही है, क्योंकि रिश्ते में संचार कौशल का आभाव है। आज बच्चों के पास समय कहाँ कि वह अपने माता - पिता के पास बैठे, उनसे बात करें। ऑनलाइन नए फ्रेंड्स के लिए समय है लेकिन अपने परिवार, मित्रों के समय कहाँ? संचार कौशल के आभाव में गलतफहमियां उत्पन्न होती है। गलतफहमियां तब और बढ़ जाती है, जब हम एक - दूसरे की बातों को पूरी तरह सुनते नहीं और लड़ने लगते हैं। यह असक्रिय संचार की वजह से आज रिश्ते टूट रहें हैं।पहले भारत की पहचान ज्वाइन फैमिली थी, लेकिन आज धीरे - धीरे nuclear family के रूप में परिवर्तित होते जा रही है। 5. निर्णय एवं सुधार : टूटते रिश्ते को मजबूत करने का मजबूत माध्यम है कि सुनना। जब हम ध्यान से अन्य लोगों को सुनते हैं, तब हम सही निर्णय ले सकते हैं। दूसरों की बात सुनने से हमें सही और बेहतर जानकारी मिलती है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता में उन्नति होती है। रिश्ते को मजबूत एवं अनुपम बनाये रखने का सबसे सशक्त तरीका है अन्य लोगों की बातों को, विचारों को सुनना। जॉब हो या व्यापार किसी भी क्षेत्र में प्रभावशाली संचार कौशल अनिवार्य है। प्रभावशाली संचार कौशल के जरिए हमें अनेक अवसर मिलते हैं। आपको यह जानकर हर्ष होगा कि म्यूटब्रेक वेबसाइट पर मैंने संचार कौशल से संबंधित रिटेन कोर्स लिखा है। आप उसे जरूर पढ़े। विषय : कैसे करें पढ़ाई आज वही व्यक्ति आगे है, जो अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए हार्डवर्क और स्मार्ट वर्क दोनों कर रहा है। अर्थात सही दिशा में बुद्धिमत्ता से मेहनत करना आवश्यक है।अगर आप एक कॉलेज स्टूडेंट हैं? अगर आप किसी विषय में ऑनर्स कर रहें हैं? तब उस विषय को कैसे आप पढ़ सकते हैं? उन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को आज मैं साझा करूंगी। 1. विषय : मैं फर्स्ट सेमेस्टर की स्टूडेंट हूं। स्कूल के बाद कॉलेज में प्रवेश करना मेरे लिए हर्ष की बात थी। आप जिस विषय में ऑनर्स कर रहें हैं,उसके विषय को ध्यान से पढ़ें। कौन - कौन से टॉपिक अधिक महत्वपूर्ण है और उनकी प्राथमिकता तय करें। 2. टाइम : ऐसे अनेक विद्यार्थी है, जो कॉलेज लाइफ में अपना समय और ऊर्जा मनोरंजन के कार्यों में सिर्फ व्यय करते हैं। कॉलेज लाइफ केवल मनोरंजन के लिए नहीं है, अपितु ज्ञान, कौशल, बुद्धि इत्यादि बढ़ाने का सबसे अच्छा अवसर होता है। इसलिए पढ़ाई के लिए एक सही समय निर्धारित करें। कठिन विषयों को उस समय पढ़े, जब आप अधिक ऊर्जा से भरे हो जैसे आप सुबह पढ़ सकते हैं। 3. क्लास और नोट्स : विषय को गहराई से समझें. कक्षा की पढ़ाई पार ध्यान दे, किसी विषय पर समस्या / प्रश्न होने पर प्रोफेसर से जरूर साझा करें। खुद से नोट्स तैयार करें। नोट्स बनाकर याद करें और समय - समय पर रिवीजन करें। 4. रोज पढ़े : जिस प्रकार बूँद - बूँद से सागर का निर्माण होता है। ठीक उसी प्रकार रोज पढ़े। थोड़ा - थोड़ा ही पढ़े लेकिन पढ़े जरूर। एक दिन में सब कुछ याद करने की कोशिश न करें। विषय को डिवाइड करके पढ़े। यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है, जिससे आप फॉलो कर सकते हैं। उपरोक्त टिप्स के अलावा है - विषय के बारे में गहराई से रिसर्च करें, समूह अध्ययन करें, पुराने प्रश्नपत्र हल करें, मल्टीमीडिया संसाधनों का उपयोग करें, सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को पहले करें, समय - समय मॉक टेस्ट लें एवं सकारात्मक विचार हमेशा रखें। अन्त में सबसे जरुरी है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। हैल्थी भोजन और उचित नींद। आशा करती हूं कि यह दों निबंध आपको अच्छा लगा होगा। अगली बार फिर आप सभी के साथ एक महत्वपूर्ण टॉपिक पार विचार साझा करुंगी। धन्यवाद काजल साह

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